जीवन के मोल: सुख, दुख, आ सपना

 

परिचय

जीवन... शब्द सुनते ही मन में एक अजीब सी हलचल मच जाला। छोट सा शब्द, बाकिर एह में सारा संसार समायल बा। कवनो समुंदर के गहराई नापल जा सकेला, बाकिर जीवन के गहराई ना। काहे? काहे कि जीवन में हर पल, हर अनुभव, हर साँस में एगो कहानी बा। एह कहानी में सुख बा, दुख बा, हँसी बा, आँसू बा, सपना बा, ओह सपनन के टूटल जुड़ल के आवाज बा। आज जब हम चुपचाप बइठ के आपन जिनगी के बीतल पलन पर नजर डालत बानी, एक सवाल मन में उठेलाहम का कमइनी? का गवाईनी? का सीखनी?

जीवन एगो अइसन यात्रा बा, जवन हर मोड़ पर नया रंग देखावत बा। कबो हँसी के फुलझड़ी, कबो दुख के अँधेरा, कबो सपनन के उजाला। बाकिर हर रंग, हर पल, हर अनुभव हमके कुछ ना कुछ सिखावत बा। सिख ही जीवन के असली मोल बा।

जीवन के शुरुआत: मासूमियत के रंग

जब हम छोट रहनी, दुनिया हमके एक रंगीन किताब जइसन लागत रहे। गाँव के गलियन में माटी में खेलल, पेड़ पर चढ़ल, मम्मी-पापा के डाँट सुनल, भाई-बहिन के साथ छोट-छोट झगड़ा करल सभ कुछ एगो सपना जइसन लागत रहे। ओह समय में ना पैसा के चिंता रहे, ना दुनिया के दुख के कोई ख्याल। बस, एक मासूम मन, जे हर चीज में खुशी खोज ले। याद बा, जब पहिलका बेर स्कूल गइनी, मम्मी के साड़ी के आँचल पकड़ के रोत रहनी। मम्मी हँसत-हँसत कहली, "जा बेटा, स्कूल में मिठाई मिली।" हम, मासूम मन से, मिठाई के लालच में स्कूल चलबे गइनी।

जवन बच्चा माटी के खेलौना बनावत रहे, ओकरा कब बुझाइल कि खेलौना बस माटी के बा, एक बेर बारिश आवे बह जाई। ठीक ओइसन, जइसे-जइसे हम बड़े होत गइनी, जीवन के रंग बदलत गइल। मासूमियत धीरे-धीरे कम होत गइल, जिम्मेदारी के बोझ बढ़त गइल। स्कूल के किताब भारी हो गइल, सपना के रास्ता में काँटे बिछ गइल। बाकिर ओह मासूमियत के याद आजो मन में एक सुकून भरे हँसी लावत बा।

सपना: जीवन के इंजन

जीवन में अगर कुछ सबसे कीमती बा, सपना बा। सपना, जे हमके हर सुबह उठ के मेहनत करे खातिर जोश देत बा। कवनो बच्चा सपना देखत बा कि डाक्टर बनी, कवनो इंजीनियर, कवनो गायक। हमहूं बचपन में ना जाने का-का सपना देखत रहनी। कबो सोचनी कि आसमान में उड़त जहाज के पायलट बनी, कबो सोचनी कि बड़का कर्मचारी बन के गाँव के नाव ऊँच करी। बाकिर सपना देखल आसान बा, ओकरा पूरा करल मुश्किल।

जब हम आपन सपनन के पीछा करत बानी, रास्ता में काँटे बिछल बा। कबो पैसा के कमी, कबो परिवार के जिम्मेदारी, कबो समाज के ताना।

सिख हमके जीवन से मिललसपना ऊही सच्चा, जे मुसीबतन से लड़ के पूरा हो। जे काँटे पर चल के मंजिल तक पहुँचे, ओकर सपना के मोल दुनिया के हर चीज से बड़का बा।

सुख दुख: जीवन के दो सिक्का

जीवन में सुख दुख दुनो एक सिक्का के दो पहलू बा। एक बिना दोसरा अधूरा बा। जब सुख के पल आवेला, लागेला कि दुनिया में हमसे खुशहाल कवनो नइखे। गाँव के मेला में झूला झूलल, मम्मी के हाथ के लड्डू खाइल, दोस्तन के साथ नदि किनारे हँसी-मजाक सभ सुख के पल मन में बस जाला। बाकिर जब दुख के बादल छा जाला, लगेला कि सारा संसार हमरे खिलाफ बा।

सच्चाई बा कि सुख दुख, दुनो ही आवे-जाए वाला मेहमान बा। ना सुख हमेशा रहेला, ना दुख। बस, जिंदगी के रास्ता पर दुनो के साथ चलते रहना पड़े।

परिवार रिश्ता: जीवन के नींव

हमार भोजपुरी संस्कृति में परिवार रिश्ता के बहुत मोल बा। मम्मी-पापा, भाई-बहिन, दादा-दादी सभ हमार जीवन के नींव बा। कबो-कबो छोट-छोट बात पर झगड़ा हो जाला, जइसे कि "का खाना बनल बा?" या "टिवी के रिमोट कवना लेलस?" बाकिर जब मुसीबत आवेला, ओही परिवार ढाल बन के सामने खड़ा हो जाला। "दुनिया जितना मरजी धोखा दे दे, बाकिर परिवार हमेशा साथ देत बा।"

संघर्ष: जीवन के असली गुरु

जीवन के हर मोड़ पर संघर्ष हमार इंतजार करत बा। कबो पढ़ाई के, कबो नौकरी के, कबो अपन सपनन के। बाकिर संघर्ष ही हमके मजबूत बनावत बा।

संघर्ष हमके ना खाली मजबूत बनावत बा, बल्कि सिखावत बा कि हर हार के बाद जीत छिपल बा। बस जरूरत बा, तनिक हिम्मत धैर्य के। जिंदगी के इम्तिहान में कबो ना कबो हार होला, बाकिर जे हार से डर जाला, जिंदगी के मजे से वंचित रह जाला।

प्रेम: जीवन के सबसे सुंदर रंग

जीवन में अगर कुछ सबसे सुंदर बा, प्रेम बा। माँ के गोद में सुकून, पिता के डाँट में छिपल प्यार, भाई-बहिन के नोक-झोक, दोस्तन के साथ बितावल पल सभ प्रेम के रंग बा। बाकिर जब बात दिल से दिल तक जाला, प्रेम के एक नया मतलब बुझाला।

प्रेम बस रंग-रूप या पैसा के बात ना हो। प्रेम बा, जब कवनो बिना शर्त के आपन साथ दे। जब कवनो आपन आँसू पोंछे, आपन सपना के आपन जइसन माने। हमार एक दोस्त रहले, जे हमेशा कहत रहे, "प्यार बा, जे दुख में साथ दे, सुख में हँसे, सपना में उड़ान भरे।"

जीवन के सबक: हर पल में सीख

जिंदगी एगो किताब बा, जवन हर पल कुछ ना कुछ सिखावत बा। कबो हँसी के जरिए, कबो आँसू के जरिए। हम जवन गलती करत बानी, ओही हमके सिखावत बा। हम जवन दुख भोगत बानी, ओही हमके धैर्य देत बा। हम जवन सपना देखत बानी, ओही हमके आगे बढ़े के हिम्मत देत बा। जिंदगी में कबो हार मत मानी। भगवान जवन रास्ता बनावत बा, ओकरा पर चलते रह।"

एगो बार हम नौकरी खातिर इंटरव्यू देत गइनी। मेहनत बहुत कइनी रहे, बाकिर चुनल ना गइनी। मन टूट गइल, लागल कि शायद हम में कवनो कमी बा। बाकिर ओही हार से हमके सीख मिलल कि मेहनत के साथ-साथ धैर्य भी जरूरी बा। आज जब पीछे मुड़ के देखत बानी, बुझाला कि हर दुख, हर सुख, हर संघर्ष हमके कुछ ना कुछ दे गइल। कबो सबक, कबो ताकत, कबो अपनापन।

आखिरी बात: जीवन के मोल

जीवन के मोल तभे बुझाला, जब हम एक पल रुक के सोचनी। हम का खातिर दौड़त बानी? पैसा, शोहरत, या फिर सुख? सच्चाई बा कि जिंदगी के असली मोल छोट-छोट पलन में बा। मम्मी के हाथ के रोटी में, पापा के गर्व भइल नजर में, दोस्तन के ठहाका में, अपन सपनन के उड़ान में। गाँव के नदि  किनारे बइठ के सूरज के डूबत देखल, मेला में चकरी खाइल, भाई-बहिन के साथ हँसी-मजाक सभ छोट-छोट पल ही जिंदगी के असली धन बा।

, आज जब हम बइठ के आपन जिंदगी पर नजर डालत बानी, एक बात साफ बाजिंदगी जितना सुंदर बा, ओतने जटिल बा। बाकिर जटिलता ही एकर सुंदरता बा। हर सुख के बाद दुख, हर दुख के बाद सुख, हर सपना के पीछा एक नया मंजिल। बस, जरूरत बा तनिक हिम्मत, तनिक प्यार, ढेर सारा विश्वास के।

जिंदगी, तू जइसन भी बा, तू हमार बा। हम तहरा जी के हर पल के मोल बुझब। तू हमके हँसावत बा, रुलावत बा, सिखावत बा, हर बार एक नया रास्ता देखावत बा। हम तहरा हर रंग के अपनावत बानी, काहे कि तू ही हमार जिंदगी बा।

 

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