जीवन के मोल: सुख, दुख, आ सपना
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परिचय जीवन ... ई शब्द सुनते ही मन में एक अजीब सी हलचल मच जाला। छोट सा शब्द , बाकिर एह में सारा संसार समायल बा। कवनो समुंदर के गहराई नापल जा सकेला , बाकिर जीवन के गहराई ना। काहे ? काहे कि जीवन में हर पल , हर अनुभव , हर साँस में एगो कहानी बा। एह कहानी में सुख बा , दुख बा , हँसी बा , आँसू बा , सपना बा , आ ओह सपनन के टूटल आ जुड़ल के आवाज बा। आज जब हम चुपचाप बइठ के आपन जिनगी के बीतल पलन पर नजर डालत बानी , त एक सवाल मन में उठेला – हम का कमइनी ? का गवाईनी ? आ का सीखनी ? जीवन एगो अइसन यात्रा बा , जवन हर मोड़ पर नया रंग देखावत बा। कबो हँसी के फुलझड़ी , कबो दुख के अँधेरा , त कबो सपनन के उजाला। बाकिर हर रंग , हर पल , हर अनुभव हमके कुछ ना कुछ सिखावत बा। आ ई सिख ही त जीवन के असली मोल बा। जीवन के शुरुआत : मासूमियत के रंग जब हम छोट रहनी , त दुनिया हमके एक रंगीन किताब जइसन लागत रहे। गाँव के गलियन में माटी में खेलल , पेड़ पर चढ़ल , मम्मी -...